Bastar Monthly Action Report: May 2025

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Bastar monthly action report: may 2025

Activity 1: Gram Sabha Mundapal initiates work on plantation activities as part of their CFRR management plan
Location: Mundapal, Jagdalpur, CG
Date: May 5th

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ग्राम सभा मुंडापाल, ब्लॉक बस्तर, जिला बस्तर (छत्तीसगढ़) को वर्ष 2023 में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 157 हेक्टेयर वनभूमि पर “सामुदायिक वन संसाधन अधिकार” प्राप्त हुआ।
इस वन क्षेत्र में लगभग 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू का पुराना प्लांटेशन है, जो लगभग 40-45 वर्ष पूर्व वन विभाग द्वारा स्थापित किया गया था। वर्तमान में यह जंगल अत्यधिक पुराना हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष कई पेड़ सूख जाते हैं, विशेषकर वर्षा ऋतु में। परिणामस्वरूप, जंगल के अनेक हिस्से विरल (कटावग्रस्त) हो गए हैं, जहाँ लैंटाना जैसी खरपतवार तीव्रता से फैल रही है। इसके चलते न तो नए पौधों का प्राकृतिक पुनरुत्पादन (रिजनरेशन) हो पा रहा है और न ही वनोपज की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर असर पड़ा है।

समस्या के समाधान हेतु ग्राम सभा का निर्णय
ग्राम सभा मुंडापाल ने इस स्थिति पर गंभीर विचार-विमर्श कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि विरल वन क्षेत्र “डिपो डोंगरी” के 5.33 हेक्टेयर भूमि पर काजू पौधारोपण किया जाए। इसका उद्देश्य वनों की स्थिति में सुधार, वनोपज की उपलब्धता में वृद्धि तथा ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करना है। साथ ही, इससे पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।

प्रबंधन हेतु संस्थागत संरचना;
वन प्रबंधन, संरक्षण और पुनर्जीवन की प्रक्रिया को सशक्त रूप से संचालित करने के लिए ग्राम सभा द्वारा “सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति” का गठन किया गया है। इस समिति के संचालन हेतु “ग्राम सभा मुंडापाल” के नाम से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, बस्तर में एक खाता भी खोला गया है।

पौधारोपण की तैयारी प्रक्रिया;
ग्राम सभा के निर्णयानुसार चयनित भूमि का भौतिक चिह्नांकन कर प्रत्येक परिवार को स्वेच्छा से श्रमदान के माध्यम से प्रत्येक घर द्वारा 7 गड्ढे खोदने का कार्य सौंपा गया है। यह कार्य दिनांक 04/05/2025 से प्रारंभ हुआ है। ग्रामीण अपनी सुविधा अनुसार विभिन्न तिथियों में श्रमदान कर रहे हैं एवं समिति को गड्ढों की संख्या दर्ज करा रहे हैं।

इस कार्य की निगरानी समिति के सदस्य कर रहे हैं, जो निम्न कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं: गड्ढों की खुदाई, दूरी का मापन, गड्ढों की संख्या का पंजीकरण, श्रमदान करने वाले परिवारों की उपस्थिति दर्ज करना, चिह्नांकन और योजना का समन्वय करना। अब तक 145 घरों में से 103 घरों के सदस्यों ने इस कार्य में भागीदारी निभाई है; शेष परिवारों का योगदान जारी है। ग्राम सभा ने निर्णय लिया है कि पौधारोपण का कार्य 5 जून 2025, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया जाएगा, ताकि समयानुसार रोपण कार्य संपन्न हो सके और पौधों की देखरेख व सुरक्षा हेतु ग्राम सभा द्वारा आवश्यक नियम बनाए जा सकें।

Activity 2: Meeting with Gram Sabha Members of Kondloor regarding financial management and implementation of CFR management plan
Location: Kondloor, Jagdalpur, CG
Date: May 8th

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ग्राम कोंडलुर में सप्ताहिक बैठक हुआ जिसमें रजिस्टर आवक-जावक पंजी बैठक उपलब्ध है उसमें सप्ताहिक बैठक में विवरण लिखते जाऐ सुझाव रखा है। और जो रजिस्टर नहीं लिया गया है उसे जल्दी लेने के लिए बातचीत हुआ है। 7500 ग्राम सभा का राशि को खर्च करने के लिए बिल सहित खर्च करने के लिए सुझाव रखा गया है। जंगल गस्त लगातार किया जा रहा है लेकिन कुछ समस्या है सड़क जों काफी दुर होता है लकड़ी चोरी होने से पता नहीं चलता है अगर पक्की सड़क निर्माण या कच्ची सड़क निर्माण शुरू होने से जल्दी वहां तक पहुंचने में आसानी होगी। हमारे द्वारा सूझाव रखा गया है नरेगा से इस पर काम लेंगे। अभी कार्ययोजना तैयार किया गया है उसे पढ़कर चर्चा किया है। एक ग्राम सभा बैठक रखने के लिए बातचीत हुआ है जिसमें बैंक से पैसा निकालने के लिए प्रस्ताव रखिए और कार्यकर्ताओं का अनुमोदन प्रस्ताव किया जा सके।

Activity 3: Night meeting in Tiriya with CFRMC and Village Core Team
Location: Tiriya, Jagdalpur, CG
Date: May 10th

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ग्राम सभा तिरिया में रात्री बैठक CFRMC समिति और कोर टीम के सदस्य के साथ बैठक किया गया था जिसमें तीन बिंदु पर चर्चा किया गया

1. पर्यटन स्थल में ग्राम सभा कार्यालय नया बन रहा है उसको वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा किन को पूछ कर भवन बनाया जा रहा है करके बोला गया उसे पर चर्चा किया गया ।
– भवन कार्यालय बनाने के लिए बैठक करके पहले सहमति किया गया था इसका सूचना एक वन विभाग को देंगे ऐसा इस पर सहमति बनाया गया
2. सागौन प्लांट में 15 हेक्टेयर पर कूप पीलिंग के लिए फॉरेस्ट विभाग के द्वारा बताया जा रहा है इसके संबंध में चर्चा किया गया है
– इसके लिए भी कुछ-कुछ शर्ते रखा जाएगा वन विभाग को
3. पिछले कुछ समय पहले पांच तालाब के लिए फॉरेस्ट विभाग द्वारा तालाब खुदाई किया जा रहा था चार तालाब कंप्लीट हुआ है और एक बचा हुआ था उसको पुन चालू करने के लिए बताया जा रहा है विभाग द्वारा बताया जा रहा है और इसके लिए बैठक करके मन भी किया गया था चालू करने वन विभाग द्वारा बताया जा रहा है
– इसके लिए हम लोग पहले आवेदन दिए हैं उसको फिर दोहराएंगे करके बोले हैं।

Activity 3: Discussion on Draft of CFR Management Plan in Teetri
Location: Teetri, Bastanar, CG
Date: May 10th

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ग्राम सभा तितरी में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में समिति के सदस्यों तथा कोर टीम के सदस्यों के साथ सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन योजना पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। योजना को अच्छी तरह पढ़कर उपस्थित सदस्यों को समझाया गया।

Activity 4: Discussion on challenges faced in claim-making process in village Kakalgur
Location: Kakalgur, Darbha, CG
Date: May 10th

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ग्राम सभा ककालगुर में लीफ संस्था के अर्जुन नाग, मधु नाग, ग्रामीण और ATREE टीम के साथ बैठक रखा गया । जिसमें एक दूसरे के परिचय के पश्चात ग्राम सभा शसक्त, CFR दावा प्रक्रिया से लेकर दावा मिलने तथा सेकंड फेस प्रबंधन की प्रक्रिया तक के संघर्षों को लेकर दोनों संस्थाओं के द्वारा समानतापूर्वक बातें रखी गई । उनके अनुसार किसी गांव को समझने के लिए एक साल के अंदर CFR दावा करने इतना आसान नहीं है। मैने इस गांव में रहते हुए लगभग 40 साल हो गया जंगल की प्रबंधन 2017 से प्रक्रिया चला रहे है, हमने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत दावा प्रक्रिया 2013 से प्रारंभ की है, अधिकारियों,कर्मचारियों, फॉरेस्ट के साथ काफी संघर्ष रहा है, हमने कई जगहों पर अच्छे जंगली नस्ल के पौधे लगाए हैं, पौधे उगने के प्रकृति विधि को बढ़ावा दी, तालाब की बड़ी समस्याओं को कम करवाए, गांव की संस्कृति को बचाने एवं बढ़ाने में लगे हैं, कई नर्सरी बनाया गया है, बांस को रोकने हेतु समिति बनाया गया था, आदि। उनका उद्देश्य जंगल बना रहे वनोपज की कमी न हो पर्याप्त मात्रा में वनोपज जड़ी बूटी उपलब्ध हो, ज्यादा बाजारीकरण न हो यदि बाजारीकरण बढ़ गया तो ग्रामीण पैसों की लालच में जगल खत्म न कर दें।
हमारे तरफ से भी कई बातों को रखी गई जैसे CFR दावा प्रक्रिया से दावा मिलने तक के सहयोग और प्रबंधन, संरक्षण और कार्य योजना तैयार करने तक तथा ग्राम सभा को मजबूत करने और उनके उद्देश्य जैसे ग्राम सभा स्वयं से निर्णय लेने में सक्षम हो, ग्राम सभा के द्वारा जगल सुरक्षा, गांव संस्कृति, वनोपज का स्थिर उपयोग, जीव जंतुओं की सुरक्षा और शासकीय योजनाओं लाभ, वनोपजों से ग्रामीणों की आजीविका में बढ़ोतरी हो साथ में शिक्षा, स्वस्थ और अन्य मूल भूत सुविधा भी उपलब्ध हो सके। इसमें ATREE को किसी प्रकार की उपाधि नहीं चाहती दोनों संस्था साथ मिलकर इस गांव उद्देश्यों को पूरा किया जाए।परन्तु इतने चर्चा के उपरांत यह निष्कर्ष नही निकला कि एक साथ मिलकर कार्य किया जा सके। शायद मधु नाग और अर्जुन नाग जी ग्रामीणों के साथ बैठकर चर्चा करने के बाद 2 या 3 दिन में पता चल पाए कि उनका किया निर्णय होगा।

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